हिंदी व्याकरण -विशेषण

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Lecture #5



विशेषण

विशेषण के कार्य

विशेषण के भेद


१. विशेषण




परिभाषा-जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बतलाये, उसे विशेषण कहते हैं;


जैसे-अच्छा विद्यार्थी पढ़ता है।


इस वाक्य में 'अच्छा शब्द विद्यार्थी की विशेषता बतलाता है, अतः 'अच्छा' विशेषण है।


ध्यान देने योग्य है कि उपर्युक्त वाक्य में 'विद्यार्थी' संज्ञा है।


विशेषण केवल संज्ञा की ही विशेषता नहीं बतलाता, वरन् सर्वनाम की भी विशेषता बतलाता है,


जैसे- कहाँ उत्कृष्ट आप और कहाँ निकृष्ट मैं।


उपर्युक्त वाक्य में 'उत्कृष्ट' और 'निकृष्ट' शब्द क्रमशः 'आप' और 'मैं' की विशेषता बतलाते हैं।


 अतः 'उत्कृष्ट' और 'निकृष्ट' विशेषण हैं।


२. विशेषण के कार्य  


विशेषण के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं

 

१.विशेषता बतलाना-विशेषण के द्वारा किसी व्यक्ति अथवा वस्तु को विशेषता बतलायी जाती है;

जैसे- मोहन सुंदर है। यहाँ 'सुन्दर' मोहन की विशेषता बतलाता है।

 

. हीनता बतलाना-विशेषण किसी की हीनता भी बतलाता है,


जैसे उस झूठे लड़के पर विश्वास मत करो। यहाँ 'झूठा' विशेषण लड़के की हीनता बतला रहा है।

 

३. अर्थ सीमित करना-विशेषण के द्वारा अर्थ को सीमित किया जाता है;


 जैसे-काली गाय यहाँ 'काली गाय' से विशेष प्रकार की गाय का बोध होता है।

 

. संख्या निर्धारित करना-विशेषण संख्या निर्धारित करने का कार्य करता है,

 

जैसे एक आम। यहाँ 'एक विशेषण आम की संख्या निर्धारित द्वारा मात्रा बतलाने का

 

५. परिमाण या मात्रा बतलाना-विशेषण के कार्य किया जाता है;


जैसे-पाँच सेर दूध। यहाँ 'पाँच' विशेषण दूध की सीमित मात्रा बतलाता है।

३. विशेषण के भेद

विशेषण के चार मुख्य भेद हैं-



. संख्यावाचक, २. परिमाणवाचक, ३. गुणवाचक और, ४. सार्वनामिक।


१.संख्यावाचक


जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

       चार घोड़े दौड़ते हैं; दस विद्यार्थी पढ़ते हैं-वाक्यों में 'चार' और 'दस' संख्यावाचक विशेषण हैं, क्योंकि इनसे घोड़े तथा 'विद्यार्थी की संख्या-सम्बन्धी विशेषता का ज्ञान होता है। संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं


 (क) निश्चित संख्यावाचक और

 

(ख) अनिश्चित संख्यावाचक।


(क) निश्चित संख्यावाचक- जिस विशेषण से किसी निश्चित संख्या का  बोध हो, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं;


जैसे चार लड़के।

 (ख) अनिश्चित संख्यावाचक-   जिस विशेषण से किसी निश्चित संख्या का बोध नहीं होता, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

 

जैसे कुछ मकान, कुछ आलू।


२. परिमाणवाचक


 जो विशेषण वस्तु की तौल, नाप या माप की विशेषता बतलाये, उसे 'परिमाणवाचक विशेषण' कहते हैं;


जैसे थोड़ा दूध।


परिमाणवाचक विशेषण के भी दो भेद किये गये हैं-


 (क) निश्चित परिमाणवाचक और (ख) अनिश्चित परिमाणवाचक



(क) निश्चित परिमाणवाचक-



निश्चित परिमाणवाचक विशेषण से निश्चित परिमाण का पता चलता है;


जैसे—चार गज कपड़ा, पाँच हाथ जमीन


(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक-


अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण से परिमाण का निश्चय कुछ भी नहीं हो पाता;


जैसे-थोड़ा अनाज, कुछ दूध।



३. गुणवाचक विशेषण-

जिस विशेषण से गुण अर्थात् संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग, स्वभाव, दशा आदि का बोध हो, उसे 'गुणवाचक विशेषण' कहते हैं।


जैसे अच्छेआदमी, सुंदर स्त्री


४. सार्वनामिक विशेषण


जिस सर्वनाम का प्रयोग विशेषण के जैसे होता है उसे 'सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।

 यह, वह, जो, कौन कोई, कुछ ऐसे ही सर्वनाम हैं | ये शब्द सर्वनाम और विशेषण दोनों होते हैं।

 यदि ये संज्ञा के साथ हैं, तो विशेषण हैं |

 

जैसे कुछ गदहे दौड़ रहे हैं।

   

यह सूरत देखो।

 

वह मकान गिर रहा है।

 

कुछ कहना है क्या?

ऐसा, जैसा, कैसा, वैसा आदि सर्वनाम प्रकार वाचक' कहे जाते हैं, क्योंकि इनसे प्रकार का बोध होता है।

४. प्रविशेषण

 

जो शब्द विशेषण अथवा क्रिया-विशेषण की विशेषता बताये, उसे प्रविशेषण कहते हैं;


 जैसे-मोहन अत्यंत मेधावी छात्र है।


इस वाक्य में 'अल्यंत प्रविशेषण है; क्योंकि 'मेधावी' छात्र का विशेषण है और 'अत्यंत' मेधावी (विशेषण) की विशेषता बतला रहा |

इसी तरह राम बहुत तेज विद्यार्थी है? 


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